अब इस कहानी के किरदार के नाम मैं आपको बताऊँगी, और इस कहानी मे आगे क्या हुआ ये हम जानेगें ।

इस कहानी में लड़के का नाम करण, और लड़की का नाम था प्रीता । करण को प्रीता की बहन के द्वारा प्रीता का मोबाईल नंबर मिल जाता है । जब प्रेमी अपनी प्रेमिका को फोन लगाता है तो प्रेमिका उसका फोन उठाती है, प्रीता को पता नही था कि ये नंबर किसका है जैसे ही वह हलो बोलती है, तो उसे गुस्सा आ जाता है और वह फोन काट देती है। फिर अपनी बहन को बताती है ।

उसकी बहन बोलती तुझे बात करनी चाहिए, वो बोलती है मुझे बात नही करनी बहन बोली इतना अच्छा लड़का है तेरी जगह मैं होती तो जरूर बात करती । बहन के मनाने पर प्रीता करण से बात करने को तैयार हो जाती है ।
फिर क्या था दोनों में बातों का सिलसिला चलता रहा, हालांकि वह लड़का अब उसके घर के सामने से जा चुका था । वो कहते है न दो प्यार करने वालो को मिलना होता है तो वे मुलाकातों के मुहताज नही होते ।
फोन पर दिन -रात बातें करते – करते दोनों एक – दूसरे के इतने करीब आ गये कि जैसे जन्मों से वे एक – दूसरे को जानते हो । कुछ महीनें बाद वह लड़का दूसरे राज्य से उस लड़की से मिलने आता है, लड़की भी अपनी बहन के साथ उससे मिलने जाती हैं।

करण तो पहले दिन से ही प्रीता को बहुत पसंद करता था पर लड़की को थोड़ा समय लग रहा था । उसके मन का डर उसे ऐसे कैसे किसी पर विश्वास कर लू, उसका पीछा नही छोड़ा रहा था ।
फिर कुछ महीनों बाद वे फिर मिले अब प्रीता करण पर भरोसा करने लगी थी । वह अपनी बहन के साथ फिर गई उन दोनों में बहुत सारी बातें हुई, और प्यार और गहरा हुआ ।

तीन बार की मुलाकात में करण और प्रीता एक – दूसरे को इतना चाहने लगे थे कि वे एक -दूजे के बिना रह नहीं सकते थे। प्रीता को अपने परिवार की इज्जत प्यारी थी, अचानक उसका मन डगमगाया और उसने लड़के से कहा मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती।

उन दोनों के बीच बहुत लड़ाई हुई, लड़के ने कहा मैं तुम्हारे बिना जी के क्या करूंगा मैं मर जाऊंगा । लड़की उसकी बातें सुनकर घबरा गई और बोली मैं भी तुम्हारे बिना नहीं जी सकती । दोनों में सुलह हो गई फिर से प्यार भरी बातें होने लगी ।

एक दिन लड़की ने बोला अगर तुम्हें मुझसे शादी करनी है तो जल्दी करो, क्योंकि मेरे घर वाले मेरी शादी कहीं ओर कर देंगे । लड़का बोला ठीक है मेरे घर वाले तो तैयार है मेरे पापा तुम्हारे घर आकर तुम्हारे पापा से बात कर लेंगे ।
प्रीता ने करण से कहा नही मेरे पापा को हम दोनों के बारे में पता चला, तो वो ये शादी कभी नहीं होने देंगे । करण ने कहा मेरे पापा तुम्हारे पापा को समझायेंगे तो वे मान जायेंगे । प्रीता के पापा काफ़ी यंग थे और करण वे पापा थोड़े एजेड , लड़की ने बोला मेरे पापा कही तुम्हारे पापा से लड़ाई न कर ले।

करण को ये बात समझ आ गई कि प्रीता के पापा कभी-भी हमारी शादी के लिए नहीं मानेंगे । फिर क्या था दोनों ने मन तो बना ही लिया था शादी का, करण और प्रीता ने शादी कैसे करनी है उसकी प्लानिंग की ।

लड़के के घर वालो ने पूरी तैयारी कर ली थी शादी की, लड़का निकल पड़ा अपनी दुल्हनिया लाने | लड़की ने भी अपने घर में एक चिट्ठी छोड़ दी थी अपने माता – पिता के लिए । प्रीता की बहन ने बोला तू जा इससे ज्यादा प्यार करने वाला तुझे कही नहीं मिलेगा, मैं घर पर सब संभाल लूंगी ।
फिर क्या था करण प्रीता को अपने साथ ले गया, दोनों की शादी करण के परिवार वालो ने करा दी । लड़के के परिवार ने लड़की का खुशी से वेलकम किया, लड़की भी बहुत खुश थी कि उसने कोई गलती नहीं । लड़की को ससुराल में ढेर सारा प्यार मिला, सब अपनी नई बहु से बहुत खुश थे ।

प्रीता ने कभी न सोचा था कि उसकी लव मैरिज होगी, और इतनी दूर उसकी शादी होगी। वो कहते है न भगवान ऊपर से ही जोड़ियाँ बनाकर भेजता, जिसकी जहाँ किस्मत होगी वही उसकी शादी होती है। फिर चाहे कोई कितनी ही कोशिश क्यू न कर ले भगवान कि मर्जी पर किसका जोर है।👩❤️👨👩❤️👨
Leave a Reply